जननी सुरक्षा योजना का लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जा रहा है। यह योजना महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई पहले सभी ग्रामीण महिलाएं अस्पताल में नहीं जाती थी जब जननी सुरक्षा योजना शुरू की गई उसके बाद अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होने की संख्या बढ़ती जा रही है।
योजना के अन्तर्गत पात्र हितग्राही को प्रसव पश्चात् शहरी क्षैत्र में रूपये 1000/- एवं ग्रामीण क्षैत्र में रूपये 1400/- तथा आशा को शहरी क्षैत्र में 200/- एवं ग्रामीण क्षैत्र में 350/- रूपये की प्रोत्साहन राशि देय हैं।
Janani Suraksha Yojana में गर्भवती महिला की डिलीवरी होने पर जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए सीधे उनके बैंक अकाउंट में 6,000 रुपये दिए जाते हैं।
देश में हर साल गर्भावस्था के दौरान होने वाली दिक्कतों और बीमारियों की वजह से 56,000 से अधिक महिलाओं की मौत हो जाती है। गर्भवती महिलाओं और नवजातों की स्थिति में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने Janani Suraksha Yojana जेएसवाई की शुरुआत की है. जेएसवाई में गर्भवती महिला की डिलीवरी होने पर सीधे उनके बैंक अकाउंट में 6000 रुपये दिए जाते हैं.
जेएसवाई में मदद की यह रकम जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के हिसाब से दी जाती है. जननी सुरक्षा योजना से सालाना एक करोड़ से अधिक महिलाओं को मदद मिल रही है. सरकार जेएसवाई पर सालाना 1600 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. जेएसवाई की शुरुआत 12 अप्रैल 2005 को की गयी थी।
सुरक्षित मातृत्व एवं शिशु के लिये वर्ष 2005 में जननी सुरक्षा योजना शासन द्वारा लागु कर संस्थागत प्रसव को विस्तारित किया गया ताकी मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकें, योजनान्तर्गत पात्र हितग्राही को प्रसव पश्चात् शहरी क्षैत्र में रूपये 1000/- एवं ग्रामीण क्षैत्र में रूपये 1400/- तथा प्रेरक को शहरी क्षैत्र में 200/- एवं ग्रामीण क्षैत्र में 350/- रूपये की प्रोत्साहन राशि देय हैं। वर्तमान में 81.70 प्रतिशत प्रसव संस्था पर हो रहें हैं, इस कार्य में चयनित आशा कार्यकर्ता का सहयोग भी प्राप्त हो रहा हैं।
क्या है जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई )?
जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है. इसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है. केंद्र सरकार इसके लिए गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद देती है.
हर साल पैदा होने के एक साल के अंदर भारत में 13 लाख से अधिक नवजात की भी मृत्यु हो जाती है. सरकार की सोच यह है कि अगर गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाय तो इससे जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. Janani Suraksha Yojana के तहत गर्भवतियों की सारी जांच और बच्चे की डिलीवरी नि:शुल्क होती है.
क्या है जेएसवाई का लाभ उठाने की प्रक्रिया? इस योजना का लाभ उठाने के लिए गर्भवती महिला को अपने प्रसव और शिशु के जन्म के लिए किसी सरकारी अस्पताल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. जननी सुरक्षा योजना में रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाओं को प्रसव के वक्त और बाद में सरकार द्वारा नकद आर्थिक सहायता दी जाती है.
जेएसवाई का लाभ पाने के लिए जरूरी दस्तावेज आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड सरकारी अस्पताल द्वारा जारी डिलीवरी सर्टिफिकेट महिला का बैंक अकाउंट नंबर
Janani Suraksha Yojana में आशा (मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) का महत्वपूर्ण रोल है. देश के 10 सबसे पिछड़े इलाके में आशा कार्यकर्ता ही गरीब महिलाओं और सरकार के बीच की कड़ी हैं. उन्हें जननी सुरक्षा योजना में लाभार्थी महिला को सरकारी प्रणाली से जोड़ने की भूमिका निभानी पड़ती है.
वे गर्भवती महिलाओं की पहचान से लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने और उन्हें जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने तक की सभी औपचारिकता पूरी करती हैं।
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